छत्तीसगढ़

क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर मनाई गई बिरसा मुंडा जयंती

Publish Date: | Mon, 15 Nov 2021 11:58 PM (IST)

बड़गांव। इलाके के विभिन्न जगहों पर धरती आबा आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जयंती का आयोजन किया गया। क्षेत्र के संगम और छोटेबेठिया में बिरसा मुंडा जयंती चौक की स्थापना कर मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण जन शामिल हुए। इनका मुख्य कार्यक्रम संगम में आयोजित हुआ। जिसमें बड़गांव और छोटेबेठिया सर्कल के लगभग पचास गांव के लोग शामिल हुए और सैकड़ों की संख्या में उपस्थित होकर आदिवासी ग्रामीणों ने धरती आबा आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती मनाई। गौरतलब है कि बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन के रक्षा के लिए शहादत दी थी। इसी तर्ज पर प्रमुखों ने कहा कि युवाओं के प्रेरणा स्रोत वीर आबा बिरसा मुंडा के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रभावी भूमिका निभाई और जनजातीय समाज को इस आंदोलन से जोड़ा। देश की आादी और समाज के कल्याण के लिए बलिदान देने को तत्पर रहे बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह स्वतंत्रता आंदोलन को तेज धार देने के साथ-साथ आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत रहे। देश के लिए उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। देशभक्ति, पराक्रम व धर्मनिष्ठा के प्रतीक बिरसा मुंडा ने जनजाति अस्मिता व अधिकारों के संरक्षण विदेशी शासन के विरुद्ध उलगुलान आंदोलन शुरू कर समाज को नई दिशा दी। संगम कार्यक्रम में लगभग पचास गांव के ग्रामीण शामिल हुए, जिसमें पांडू राम कोरछा, मनकू नेताम, मैनू किरंगे, हरिचंद वद्दे, जंगलू कड़ियम, मैनी कचलाम, गज्जू पद्द्‌दा, मोडा पद्द, बिसरू अचला, लक्ष्मण मंडावी, दरसु कोरछा, रमेश नेताम, मया राम, सुनहेर कोरेटी, अमित आंचला शामिल थे।छात्रों ने भी मनाया दिवसपखांजूर में स्थित गोंडवाना भवन में आदिवासी छात्र संगठन द्वारा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा भी बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई। जिसमें छात्रों ने हिस्सा लिया और बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई। जिसमें राजेश नुरूटी, मुकेश गावड़े, तापस मंडावी, संगीता दुग्गा, गीता दुग्गा, राकेश पोटाई, विक्रम उसेंडी, निखलेश नाग, चैतू सलाम, गौरव मंडावी, राकेश कोरचा, सुखदेव कोरचा, सुनील सलाम, सोमा नरेटी, मानेश उसेंडी, बबलू कोवाची, सारित महा, सविता नरेटी, सविता नरेटी, अजय कड़ियाम, कमलेश उसेंडी, भारत तुमरेटी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राहुल सरकार, चतुर सिंह बोगा, नताशा तालुकदार, देवा सरकार, अमित पाल, अभिषेक यादव, हिमांशु विश्वास, प्रकाश बढ़ाई, राज कुमार मंडल, रंजीत माझी, किशोर मजुमदार, देवजीत बरीय, सुमन हालदार, सुजीत सील, विक्रम सरदार, सौरव दास, चिरंजीत सरकार, सूरज विश्वास, अनूप पाल, सुजीत बेड, रजत डाली, गोपेश्वर बर्मन, तारक बिस्वास, देवराज चोकीदार शामिल रहे।जानिए कौन है बिरसा मुंडा बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के रांची के नजदीक खूंटी जिले के उलीहातु गांव में मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता सुगना पुर्ती (मुंडा) और माता-करमी पुर्ती (मुंडाईन) के घर में हुआ था। बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। बिरसा मुंडा की गिनती महान देशभक्तों में की जाती है। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। किसान के परिवार में जन्मे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक बिरसा मुंडा ने नैतिक आत्म-सुधार,आचरण की शुद्धता और एकेश्वरवाद का उपदेश देने के साथ अपनी संस्कृति और जड़ों के प्रति गर्व करना सिखाया। अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ संघर्ष करते हुए नौ जून 1900 को महज 25 वर्ष की आयु में राष्ट्र को सर्वस्व समर्पित कर बिरसा मुंडा शहीद हो गए।

Posted By: Nai Dunia News Network

 

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