छत्तीसगढ़

कोडार जलाशय क्षेत्र के ईको पर्यटन केंद्र में लघु वृत्तचित्र का लोकार्पण

Publish Date: | Wed, 08 Dec 2021 11:50 PM (IST)

महासमुंद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को जिले के कोडार जलाशय क्षेत्र में बने वन चेतना केंद्र कुहरी में कोडार ईको-पर्यटन केंद्र पर आधारित लघु वृत्तचित्र का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने महासमुंद जिलेवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होगा। इसका संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा, जिससे उनको भी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोडार जलाशय पहाड़ों से घिरा हुआ है, यहां पर ईको पर्यटन केंद्र शुरू होने से प्रदेश भर के पर्यटकों को कोडार जलाशय के मनोरम दृश्य, जैव विविधता एवं भौगोलिक विविधता का आनंद ले सकेंगे। यह विद्यार्थियों और ग्रामीणों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने वाला एक अच्छा प्राकृतिक शिक्षा केंद्र होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने वन समिति कुहरी के सदस्यों से भी चर्चा की। इस अवसर पर कलेक्टर डोमन सिंह वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, सीईओ एस आलोक, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्‌मण पटेल, जनपद अध्यक्ष यतेन्द्र साहू, जिला पंचायत सदस्य अमर चंद्राकर सहित जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, वन समिति के सदस्यगण, आस-पास के ग्रामीण उपस्थित थे।कोडार जलाशय क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव एवं महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर थे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन चेतना केंद्र कोडार रायपुर से मात्र 65 किमी, महासमुंद मुख्यालय से 17 किमी एवं सिरपुर नगरी से 20 किमी की दूरी पर नेशनल हाईवे क्रमांक 53 पर स्थित है। पर्यटन की सुविधा, एडवेंचर, मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, संस्कृति पर्यावरण संचेतना एवं स्थानीय रोजगार के विकास का अद्भुत समागम प्रस्तुत करते हुए वन चेतना केंद्र का संचालन वन प्रबंधन समिति कुहरी के द्वारा किया जा रहा है। यहां पर पर्यटकों के लिए नाइट, कैंप फायर एवं स्टार गेजिन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मनोरंजन के लिए वालीबाल, नेट, क्रिकेट, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, निशानेबाजी की व्यवस्था की गई है। मुख्य वन संरक्षक वृत्त रायपुर जीआर नायक ने बताया कि यहां नौका विहार, बैंबूंग राफ्टिंग एवं पर्यटकों के स्वल्पाहार के लिए स्थानीय छत्तीसगढ़ी व्यंजन एवं सुपाच्य भोजन की व्यवस्था है। सनसेट देखने का सुकून भरा अनुभव, सेल्फी जोन एवं फिशिंग का आनंद लिया जा सकता है। वन चेतना केंद्र में जिला महासमुंद के स्व-सहायतों के बनाए उत्पादों एवं संजीवनी के उत्पादों के विक्रय की सुविधा का विकास भी किया जा रहा है। स्थल के समीप खल्लारी माता मंदिर स्थित है जहां पर्यटकों के द्वारा दर्शन भी किया जा सकता है।जिला खनिज न्यास संस्थान मद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, विधायक निधि एवं विभाग के पर्यावरण वानिकी मद जैसे मदों के अभूतपूर्व अभिसरण से पोषित प्रकृति की गोद में स्थित ईको पर्यटन के इस केंद्र में न्यूनतम निर्माण कार्य करते हुए एवं वनों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखते हुए, जनसामान्य में वन चेतना का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त कार्य में 39.14 लाख रुपये की राशि का कार्य किया जा चुका है एवं राशि 40 लाख रुपये का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में पहुंच मार्ग उन्नायन, वाटर सप्लाई सिस्टम, मचान, ट्री हाउस, नेचर ट्रेल बर्ड वाचिंग एवं मोटर बोट की सुविधा के विकास का कार्य प्रगति पर है।

Posted By: Nai Dunia News Network

 

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