छत्तीसगढ़

कुरकी पहुंचा हाथियों का दल, पांच एकड़ की फसल को पहुंचाया नुकसान

Publish Date: | Thu, 18 Nov 2021 11:54 PM (IST)

कवर्धा। जिले के पंडरिया व बोड़ला ब्लाक के जंगल में 14 सदस्यीय गजराज ने दस्तक दी है। बुधवार देर रात जिले के अंतिम बार्डर पर लगा कुरकी ग्राम में हाथियों के दल ने लगभग 5 एकड से अधिक फसल को नुकसान पहुंचाया। हाथियों का दल अब दो टुकड़ों में बट गया है, जिसमें 7 हाथी अभी भी जिले के बार्डर पर डटे हुए हैं, वहीं 7 अन्य हाथियों का दल मध्यप्रदेश के मवई क्षेत्र में है। वन विभाग अभी भी कबीरधाम जिले के बार्डर में अलर्ट है। वन विभाग की टीम पंडरिया व बोड़ला के जंगल में बुधवार व गुरुवार को डटी रही है। अभी भी जंगलों में विभाग की टीम मौजूद है। वन विभाग ने किसानों को तत्कालिक सहायता राशि प्रदान की है।सबसे बड़ी राहत की बात है कि अब तक किसी भी प्रकार से जनहानि नहीं हुई। कुरकी गांव के किसान जिनका फसल नुकसान हुआ उसमें कुम्हारिन बाई पति तिकवा गोड़, रामचरन पिता अंगरू अगरिया, सूखवारो पिता समय लाल गोड़ को विभाग की तरफ से सहायता राशि प्रदान की गई। वहीं बुधवार सुबह भी बांधी गांव के किताब पिता चमारु गोंड़ का 3 एकड़, चंद्रपति पिता लखन यादव का आधा एकड़, गजपति पिता लखन यादव का आधा एकड़ रकबा हाथियों के द्वारा रौंदा गया है, जिसमें धान की फसल लगी थी। रामचरण पिता भादू बैगा की आधा एकड़ की कटी हुई धान की फसल में से कुछ को हाथियों का दल चराई करके गया है। पीड़ितों को तत्काल क्षतिपूर्ति करते हुए 500 रुपये प्रति प्रकरण प्रदान किया गया है।नुकसान का कर रहे मूल्यांकनजिले के बार्डर गांव में पहुंचे गजराजों ने खड़ी फसल को खाकर और चल कर नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में वन विभाग की टीम द्वारा क्षतिपूर्ति फसल नुकसान का परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद राशि प्रदान की जाएगी। बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल कटघोरा से अचानकमार, लोरमी में, चांड़ा, बजाग, उमरिया, अनूपपुर, मवई, लम्पटी, झामुल (मध्यप्रदेश) में विचरण कर रहा है। यह दल कवर्धा के बांधी गांव जो ढिंढोरी जिला से लगा है, उसमें आकर धान की फसल के थोड़े से क्षेत्र में नुकसान पहुंचाया है। जिले में लगातार दस्तके दे रहे गजराजजिले में हाथियों के दल लगातार पहुंच रहे हैं। सबसे पहले वर्ष 2015 में पहली बार एक ही हाथी पहुंचा था। इसके बाद ये हाथी जिले में दसतक दे रहे हैं। सबसे बड़ी राहत की बात है कि जिले में अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है। जानकारों का मानना है कि हाथियों के कुनबे में हो रही वृद्वि की वजह से ये नए इलाके की ओर पलायन कर रहें हैं। इसके साथ ही पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में तेजी से विकसीत हो रहे हैं।

Posted By: Nai Dunia News Network

 

Related Articles

Back to top button