
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून को लेकर जो टिप्पणी की है, वह अरविंद केजरीवाल समेत और कई लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अगर कोई जांच बैठती है और ईडी किसी को समन जारी करती है तो फिर उस समन का सम्मान और जवाब देना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएल कानून की धारा 50 की व्याख्या करते हुए ये बात की। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि ईडी अगर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किसी को बुलाती है तो उसको हाजिर होना ही होगा और पीएमएलए के तहत अगर जरूरी हुआ तो सबूत भी पेश करना होगा, दरअसल पीएमएलए के सेक्शन 50 के मुताबिक ईडी अधिकारियों के पास ये ताकत है कि वे किसी भी ऐसे शख्स को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं जिनको वे उस जांच के सिलसिले में जरूरी समझते हैं।