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‘विरोध-प्रदर्शन में किसानों कीं मौत का कोई आंकड़ा नहीं, इसलिए मुआवजे का सवाल नहीं’, संसद में सरकार

आउटलुक टीम

केंद्र सरकार ने कहा कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर साल भर से चल रहे आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। ऐसे में वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रश्न ही नहीं उठाता। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में सांसदों के एक समूह द्वारा कृषि कानूनों के आंदोलन पर उठाए गए सवालों के जवाब में यह बात कही।
संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई आंकड़ा है और क्या सरकार उनके परिजनों को वित्तीय सहायता देने की सोच रही है? इसके जवाब में कृषि मंत्री का ये जवाब आया है।
वहीं दूसरी ओर इस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बॉर्डर पर किसानों की मृत्यु हुई क्या इसकी जानकारी सरकार को नहीं है ? 700 लोगों का अगर सरकार के पास आंकड़ा नहीं है तो सरकार ने कोरोना से मृत लोगों का आंकड़ा कहां से लिया। सरकार जनगणना के आधार पर गिनती करे और मृत किसानों को मुआवज़ा दें।
बता दें कि किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को शहीद किसान कहा है। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान संगठनों ने दावा किया गया है कि इस आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है।

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