
पश्चिम बंगाल में करारी शिकस्त के बाद भाजपा की नजरें 2022 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर है। भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस 403 सीटों वाली उत्तरप्रदेश विधानसभा पर है। इसके लिए केंद्र स्तर पर पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य स्तर पर सीएम योगी आदित्यनाथ कमान संभाले हुए हैं। सिर्फ हिंदुत्व ही नहीं गरीबों के लिए स्कीमों की बाढ़ भी भाजपा के गेम में शामिल है। इसी डबल गेम से भाजपा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के वोटर बैंक पर सेंध मार सकती है।
2022 यूपी विधानसभा पर देशभर की पार्टियों की नजरे हैं। सत्ताधारी भाजपा की नजर हिंदुत्व के अलावा ओबीसी वोटर पर भी है। मालूम हो कि 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 39.67 प्रतिशत वोट पाकर सत्ता पाई थी। भाजपा भी जानती है कि इस जीत में ओबीसी के सहयोग को नकारा नहीं जा सकता। 2004-05 के आंकड़ों की बात करें तो यूपी में एक बड़ा तबका ओबीसी वर्ग का है। आंकड़ों के मुताबिक, ओबीसी(अन्य पिछड़ा वर्ग) की 36.6 प्रतिशत आबादी शहरों में और 32.9 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। ये आंकड़ें पुराने हैं, निसंदेह इस वक्त ओबीसी का प्रतिशत भी बढ़ा है। ऐसे में भाजपा ओबीसी वर्ग को भी साथ लेकर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है।