Publish Date: | Tue, 16 Nov 2021 11:40 PM (IST)
दल्लीराजहरा। एक दिसंबर से किसानों के धान खरीदे जाने की घोषणा राज्य शासन ने की है, परंतु अब तक क्षेत्र के आदिम जाति समिति में बारदाने नहीं पहुंचे हैं, जबकि मात्र 13 दिन ही बचे हैं धान खरीदी को लेकर। वहीं, बारदाना के साथ ही तालपत्री भी नहीं पहुंची है, ऐसी स्थिति में विषम समस्याओं का सामना किसानों के अलावा समिति प्रबंधक को करना पड़ सकता है। जिले में लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है, जिसके लिए लाखों बारादानों की जरूरत होगी। परिवहन के लिए निविदा नहीं होने के कारण अब विभाग को सरकारी गाइडलाइन का इंतजार है। समय रहते समितियों में बारदाने नहीं पहुंचा तो किसानों को धान खरीदी केंद्र में आपूर्ति होते तक रतजगा करना पड़ेगा। ब्लाक और जिले में धान खरीदी की तैयारी ने अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ा है। राज्य शासन की ओर से अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं है। अभी केवल धान खरीदी के लिए पंजीयन कार्य ही चल रहा है। जिले में अब तक हजारों किसानों ने पंजीयन करा लिया है। बीते वर्ष की तुलना में लगभग 3000 किसानों की बढ़त हुई है। पुराने बारदानों के भरोसे ही खरीदारी करनी होगी। इधर किसानों ने धान कटाई शुरू कर दी है। अब उन्हें बेसब्री से उपार्जन केंद्र खुलने का इंतजार है।कोई सुविधा नहींबहरहाल संग्रहित किए जा चुके बारदानों को धान उपार्जन केंद्र में पहुंचाने की कोई सुविधा नहीं है। वास्तव में यह विपणन विभाग के नहीं बल्कि किसानों के समस्या साबित हो रही है। समय सीमा के भीतर केंद्रों में बारदाना नही पहुंचा तो धान बेचने वाले किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। यहां यह भी बताना होगा कि बारदानों की कमी के कारण आपूर्ति होने तक किसानों को उपार्जन केंद्र में रतजगा करना पड़ता है। बीते वर्ष की तुलना इस बार धान खरीदी का कार्य देरी से शुरू हो रही है। मिसाई का काम शुरू हो चुका है। एक दिसंबर धान खरीदी की तिथि तक धान सूख चुके होंगे।
Posted By: Nai Dunia News Network