छत्तीसगढ़

Chhattisgarh High Court News: 17 साल तक लड़ी लड़ाई, हाई कोर्ट से मिली राहत

Publish Date: | Sat, 30 Oct 2021 05:35 PM (IST)

बिलासपुर। Chhattisgarh High Court News: रेलवे ओवर​ब्रिज के संपर्क सड़क के लिए वर्ष 1988 में वरिष्ठ वकील रमेश सिंह की जमीन लोक निर्माण विभाग ने अधिग्रहित की। इसके बाद मुआवजे की राशि को लेकर विभागीय अधिकारी टालमटोल करने लगे। वर्ष 1988 से लेकर आज तक भूमि स्वामी अलग—अलग अदालतों में मामला लड़ता रहा। हाई कोर्ट ने उनको राहत दी है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को भूमि अधिग्रहण के एवज में बतौर मुआवजा एक करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए हैैं।याचिकाकर्ता और वरिष्ठ वकील मनेंद्रगढ़ निवासी रमेश सिंह ने अपनी याचिका मेें कहा है कि रेलवे ओवरब्रिज के लिए अप्रोच रोड बनाने उनकी जमीन का वर्ष 1988 में लोक निर्माण विभाग ने अधिग्रहण की थी। उसके बाद से यह मामला विभिन्न अदालतों में विचाराधीन रहा है। मामले की सुनवाई के बाद अपर जिला न्यायाधीश ने मुआवजा के लिए आदेश पारित किया था। इस फैसले के विरुद्ध लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपील कर दी थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मुआवजा राशि का भुगतान याचिकाकर्ता को करने का निर्देश राज्य शासन को दिया है।पूर्व में मुअवजा राशि 39 लाख रुपये तय की गई थी। वर्ष 2005 में निचली अदालत ने लोक निर्माण विभाग को संपर्क सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में भूमि स्वामी को 38 लाख 78 हजार रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए थे। मुआवजा राशि का वितरण करने के बजाय विभाग के कार्यपालन यंत्री ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और निचली अदालत के फैसले को चुनौती दे दी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा है।हाई कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी कार्रवाईहाई कोर्ट के निर्देश का असर भी दिखाई दिया। प्रथम जिला एवं सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ ने जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रकरण पर सुनवाई करते याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार एक करोड 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैैं। अपर सत्र न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी के भारतीय स्टेट बैंक के खाते को भी सीज करने का आदेश दिया हैै।कार्रवाई को लेकर अटकलबाजीराज्य शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पर कार्रवाई को लेकर अटकलबाजी का दौर जारी है। विभाग के आला अफसरों का कहना है कि विभाग के अफसर ने बिना वजह शासन को परेशानी में डाल दिया है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

 

Related Articles

Back to top button