अन्‍य

लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं

e0a4b2e0a496e0a580e0a4aee0a4aae0a581e0a4b0 e0a496e0a580e0a4b0e0a580 e0a4b9e0a4bfe0a482e0a4b8e0a4be e0a4b8e0a581e0a4aae0a58de0a4b0 61604966227fe

आउटलुक टीम

इसे भी पढ़ें

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में जिन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया और कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार ना करने को लेकर आप क्या संदेश दे रहे हैं। वहीं, कोर्ट ने मामले को लेकर प्रदेश सरकार से यह भी कहा कि क्या आप देश में हत्या के अन्य मामलों में भी आरोपियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को उसका यह संदेश राज्य सरकार को देने को कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में सबूत नष्ट ना हों। साथ ही, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें।

बता दें कि आज यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देनी है। कल यानी गुरुवार को कोर्ट ने मामले पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने घटना का पूरा ब्यौरा मांगा है और अब तक जांच में क्या हुआ है, इसकी भी जानकारी मांगी है।

इससे पहले यानी गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है। अदालत ने कल सुनवाई के दौरान पूछा कि आखिर अब तक कितने लोगों के खिलाफ केस फाइल हुआ है और कितने लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं। अदालत ने इस संबंध में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि क्या जिन लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर हुई है, उन्हें गिरफ्तार किया गया? इसके साथ ही अदालत ने यह भी पूछा था कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है।

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एक एसआईटी का गठन किया गया है और एक एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है, ताकि स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की जा सके।

कल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। सुनवाई की शुरुआत में चीफ जस्टिस ने कहा कि परसों उन्हें दो वकीलों ने चिट्ठी लिखी थी। उसी पर यह संज्ञान लिया गया है। चिट्ठी लिखने वाले वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने कहा कि शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे लोगों को जिस तरह से कुचला गया,यह चिंताजनक है। यह प्रशासन की लापरवाही को दिखाता है। मामले में उचित कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “हमें मिली जानकारी के मुताबिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। हम सरकार से जानना चाहेंगे कि मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है?”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। यहां किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान 3 अक्टूबर को भड़की हिंसा में 8 लोग मारे गए थे। आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई।

Related Articles

Back to top button