अन्‍य

कोरोना वायरस: ‘डेल्टा’ ने बढ़ाई चिंता, दिल्ली से भेजे गए 80 फीसदी नमूनों में मिला ये घातक वैरिएंट

e0a495e0a58be0a4b0e0a58be0a4a8e0a4be e0a4b5e0a4bee0a4afe0a4b0e0a4b8 e0a4a1e0a587e0a4b2e0a58de0a49fe0a4be e0a4a8e0a587 e0a4ac 611146aca192f

आउटलुक टीम

इसे भी पढ़ें

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बरकरार है। वहीं अब डेल्टा वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में दिल्ली सरकार द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों में से कम से कम 80 प्रतिशत नमूनों में कोरोनावायरस के डेल्टा संस्करण का पता चला है।

राजधानी के लिए कोविड प्रबंधन नीतियां तैयार करने वाले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने साझा किया कि दिल्ली में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जुलाई में भेजे गए 83.3 प्रतिशत नमूनों में डेल्टा संस्करण (बी.1.617.2) का पता चला है। जबकि मई और जून में क्रमशः 81.7 प्रतिशत और 88.6 प्रतिशत नमूनों में वैरिएंट पाया गया।अप्रैल में 53.9 फीसदी सैंपल में यह मिला था।

डेटा से यह भी पता चला है कि अब तक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में संसाधित दिल्ली के 5,752 नमूनों में से 1,689 में डेल्टा संस्करण पाया गया है। 947 नमूनों में अल्फा संस्करण (बी.1.1.7) का पता चला है।

अल्फा और डेल्टा दोनों रूपों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा “चिंताजनक वैरिएंट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

डेल्टा संस्करण की भारत में दिसंबर 2020 में पहचान की गई थी और बाद में 95 से अधिक देशों में इसका पता चला है। यह प्रमुख रूप से घातक दूसरी कोविड लहर के लिए जिम्मेदार था जिसने देश में लाखों लोगों को संक्रमित किया और हजारों लोगों की जान ली। अल्फा वैरिएंट को पहली बार यूके में पिछले साल खोजा गया था।

Related Articles

Back to top button