
ईएसआईसी से टाई-अप वाले प्रदेश के 51 निजी अस्पतालों ने मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया है। इन्होंने सूची से अपना नाम कटवा लिया है। बताया जा रहा कि इनका करोड़ों बकाया है। इलाज के पैसे नहीं मिलने से आने वाले दिनों में बीमित हितग्राही व उनके परिवार के सदस्यों को केशलैस आधार पर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने में बड़ी परेशानियां हो सकती हैं।छत्तीसगढ़ कर्मचारी राज्य बीमा सोसायटी की सूची में 2022 से 2024 तक प्रदेश के 68 निजी अस्पताल थे, पर 2024 से 2026 की सूची में यह 21 ही बचे। इनमें भी 4 नए अस्पताल जोड़े गए हैं। इन अस्पताल में उन मरीजों को रिफर किया जाता है जिनका इलाज ईएसआईसी के अस्पताल में संभव नहीं होता।रायपुर में कोई भी नहीं, बिलासपुर में आधे कमबड़ी बात यह है कि 2024 से 2026 की ईएसआईसी की टाई अप की सूची में रायपुर का एक भी अस्पताल का नाम नहीं है। इससे पहले 2022 से 2024 में सबसे अधिक 33 अस्पताल यहीं से ही थे। इसी तरह बिलासपुर में 16 अस्पताल थे,जो घटकर 8 हो गई है। सूची से रायपुर के अलावा, कोरबा, राजनांदगांव के एक भी अस्पताल में ईएसआईसी की सुविधा नहीं है। तीनों स्थानों के सभी अस्पताल वालों ने यह व्यवस्था बंद कर दिया है।