छत्तीसगढ़

राज्य में लॉरेंस विश्नोई, अमन साव गैंग समेत कई गिरोह सक्रिय हैं,अब कबरा गैंग भी सामने आया

राज्य में लॉरेंस विश्नोई, अमन साव गैंग समेत कई गिरोह सक्रिय हैं। अब कबरा गैंग भी सामने आया है। 11 साल पहले कुम्हारी के पास ट्रेन हाइजैक कर सनसनी फैलाने वाले कुख्यात अपराधी उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा के छोटे बेटे पारस सिंह की रायपुर और भिलाई में बड़ी वारदात करने की प्लानिंग फेल हो गई। वह बिहार से दो कट्टे लेकर रायपुर में सराफा दुकान लूटने और भिलाई के एक कारोबारी की हत्या की प्लानिंग से आया।कवर्धा के एक बदमाश को उसने साजिश में शामिल किया। सराफा दुकानों की रेकी के दौरान अभनपुर के पास उनकी बाइक को कार ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पारस गंभीर रूप से घायल हुआ लेकिन साथी कवर्धा निवासी जयप्रकाश दुबे की मौत हो गई। पारस को एम्स में भर्ती कराया गया। अस्पताल में पहचान के लिए पुलिस ने उसका बैग को खोला। उसमें गोलियों से भरे दो कट्टे थे। कट्टे मिलने से ही उसकी साजिश नाकाम हो गई।अस्पताल में इलाज के बाद जब वह स्वस्थ हुआ तब उससे पूछताछ की गई। थोड़ी सख्ती बरतने पर उसने सच उगल दिया।पारस का कुख्यात अपराधी कबरा से ​कनेक्शन मिलने के बाद पुलिस के जवान हड़बड़ा गए। उन्होंने तुरंत आला अफसरों को सूचना दी। अस्पताल से छुट्टी होने पर पुलिस ने उस पर आर्म्स एक्ट के तहत केस बनाया और बड़ी खामोशी से जेल भेज दिया। पारस के पकड़े जाने के बाद से रायपुर पुलिस कबरा गैंग के बारे में जानकारी जुटा रही है कि भिलाई का कौन कारोबारी उनके निशाने पर है। वह कारोबारी को मारने आया था कि लूटने? क्योंकि पिता और बड़े भाई के जेल जाने से उसका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।

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