
पूर्वोत्तर में रहना हमारा सौभाग्य है, जहां सूर्य की किरणें सबसे पहले पृथ्वी को छूती हैं। ये भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक हैं। हम पूर्वोत्तर के डेवलपमेंट के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आज त्रिपुरा के लिए BJP का मतलब विकास की राजनीति है।’
त्रिपुरा में चुनाव से दो दिन पहले 17 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगरतला में रैली की। PM ने कहा कि मैं इकलौता प्रधानमंत्री हूं, जिसने एक दशक में 50 से ज्यादा बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है।
त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम में फर्स्ट फेज में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। त्रिपुरा में 2 लोकसभा सीट हैं- त्रिपुरा ईस्ट और त्रिपुरा वेस्ट। यहां दो फेज में 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होने जा रहा है। त्रिपुरा ईस्ट में फर्स्ट फेज में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। त्रिपुरा वेस्ट में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
चुनाव से पहले दैनिक भास्कर की टीम त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम में अलग-अलग जगहों पर पहुंची और वहां चुनावी मुद्दे, सियासी माहौल और हवा का रुख जानने की कोशिश की।
सबसे पहले बात त्रिपुरा की
त्रिपुरा तीन तरफ, यानी उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में बांग्लादेश से सरहद साझा करता है। ये सरहद करीब 856 किमी है। महज 36 लाख आबादी वाला त्रिपुरा दो दशकों से ज्यादा वक्त से उग्रवाद का संकट झेल रहा है। यहां अब भी NLFT और ATTF नाम के दो उग्रवादी ग्रुप एक्टिव हैं, जो आधुनिक हथियारों से लैस हैं।