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नया खतरा: जाने क्या है कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट, महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश सहित इन राज्यों पर सबसे ज्यादा असर

नया खतरा: जाने क्या है कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट, महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश सहित इन राज्यों पर सबसे ज्यादा असर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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आउटलुक टीम

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देश में एक ओर कोविड-19 के नए मामलों में कमी आई है वहीं दूसरी ओर कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले रिपोर्ट किए गए हैं, ज्य़ादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के हैं। ये अभी भी वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय एसएआरएस-कोवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वैरिएंट से सतर्क करने की सलाह दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन का असर

डेल्टा वैरिएंट पर कोरोना रोधी वैक्सीन कितनी कारगर है, इस सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि मोटे तौर पर दोनों वैक्सीन जो हम कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग कर रहे हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं, जिसे हम जल्द ही आपके साथ साझा करेंगे। डेल्टा प्लस वेरिएंट जिन 9 देशों में पाया गया है, उसमें अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस आदि हैं।

डॉ. वीके पॉल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन की रफ्तार अच्छी है। जब कोरोना बार-बार रूप बदल रहा है। इसकी नई लहर जब आएगी तब वैक्सीन नहीं लगे होने पर हम इसकी चपेट में आएंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर एक वैश्विक वेबिनार की योजना बना रहे हैं। इस वेबिनार में ऐसे संभावित इच्छुक देशों को आमंत्रित किया जाएगा और हम उनके साथ प्रौद्योगिकी और समाधान साझा करने के इच्छुक होंगे।

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट

यह वैरिएंट दुनिया में तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है। डेल्टा वेरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था। फिर बाद के पहीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था। यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है। जिसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है। 

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