
असम। हीलिंग प्रैक्टिस बिल के तहत मासूम और भोले भाले लोगों का शोषण करने के लिए बने गैर वैज्ञानिक हीलिंग प्रेक्टिस को क्राइम माना जाएगाा। यह बिल साइंस पर आधारित इलाज को बढ़ावा देने के बात करता है। अब ऐसे विज्ञापनों पर भी रोक होगी जिसमेंं झाड़फूंक, पूजा पाठ एवं धार्मिक तरीके से इलाज का दावा किया जायेगा।
असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को चेतावनी जारी किया है उन्होंने कहा कि अगर वह झाड़फूंक के खिलाफ बनाए गए कानून का उल्लंघन करते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। असम विधानसभा ने पिछले महीने असम हीलिंग प्रिवेंशन ऑफ़ इविल प्रैक्टिस 2024 कानून पारित किया। इसके तहत असम में गैर वैज्ञानिक उपचार पद्धतियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैैैै।
आईयूबीएफ विधायक ने हाल ही में कहा की उनके पार्टी प्रमुख एक आध्यात्मिक नेता भी है उनका दावा है कि लोग स्वेच्छा से उपचार के लिए उनसे संपर्क करते हैं मुसलमान जमात अक्सर बदरुद्दीन अजमल से अपने पानी की बोतलों में फूंक मारने के लिए कहते हैं।
विधेयक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा ने कहा अगर बदरुद्दीन अजमल इस तरीके से उपचार करना जारी रखते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा “मैं जो कहूंगा वही होगा। मैं अपने बारे में नहीं बोल रहा हूं मैं विधानसभा के बारे में बोल रहा हूं।” उन्होंने आगे कहा “आप हेमंत विश्व सरमा के शब्दों को नहीं सुनते हैं लेकिन आपको विधानसभा जो कह रही है उसे सुना होगा विधानसभा में उपचार पद्धतियों को बंद कर दिया है।” विधेयक के मुताबिक इस तरह के अपराध गैर जमानती है इसका उल्लंघन करने पर व्यक्ति को एक साल की जेल हो सकती है 50000 के जुर्माने का भी प्रावधान है दोबारा दोषी पाए जाने पर कारावास की सजा 5 साल तक हो सकती है एक लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।