
High Cholesterol Injection: पिछले कुछ सालों से हार्ट अटैक, दिल से जुड़ी बीमारियों, बैड कोलेस्ट्रोल से मौत के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. कम उम्र के लोग भी दिल की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. इसके पीछे का कारण खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट हो सकती है. कई लोग मानते हैं कि कोरोना भी बड़ा कारण है. आज हम आपको इस लेख में एक खुशखबरी बताने जा रहे हैं.
भारतीय बाजार में जल्द बैड कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने का इंजेक्शन आने वाला है. इसका नाम इनक्लिसिरन (Inclisiran) है. दरअसल, इस इंजेक्शन को यूएस और यूके में 2 साल पहले ही अप्रूवल मिल गया था और अब कुछ हफ्तों में भारतीय बाजार में भी उपलब्ध होने वाला है. माना जा रहा है कि इस इंजेक्शन से हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाएगा.
50% बैड कोलेस्ट्रोल हो जाएगा कम
मुंबई के KEM हॉस्पिटल में इनक्लिसिरन इंजेक्शन का ट्रायल किया गया जिससे पता चला है कि ये 50 प्रतिशत तक कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल कर सकता है. इसके अलावा अलग-अलग देशों में किए गए इस इंजेक्शन के ट्रायल से पता चला है कि ये हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी काफी कम करता है.
क्या कहता है सर्वे ?
नेशनल डायग्नोस्टिक चेन द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक 70 प्रतिशत लोगों में डिस्लिपिडेमिया या हाई कोलेस्ट्रॉल का लेवल पाया गया है. वहीं, सभी मौतों में से एक तिहाई मौतें हार्ट की बीमारियों के कारण होती हैं. मुंबई, दिल्ली जैसे महानगरों में स्ट्रेस और पॉल्यूशन के कारण रोज 50 मौत होती हैं.
कैसे काम करता है इनक्लिसिरन ?
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट Dr. Ajeet Menon ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इनक्लिसिरन इंजेक्शन की डोज PCSK9 नाम के प्रोटीन को ब्लॉक करती है और ब्लड से बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में लिवर की मदद करती है. इसी तरह शरीर से बैड कोलेस्ट्रोल का लेवल कम हो जाता है और दिल की बीमारियां का खतरा घट जाता है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि इनक्लिसिरन सभी हृदय रोगियों के लिए नहीं है. ये उनके लिए अच्छा रहेगा जिन्हें स्टैटिन से आराम नहीं मिलता या फिर जो लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
इनक्लिसिरन की कितनी होगी कीमत ?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबित यूएस में दो डोज थेरेपी की कीमत करीब 5 लाख रुपये हैं. हालांकि भारत में प्रति डोज की कीमत 1.25 लाख से 1.50 लाख के बीच हो सकती है. ये इंजेक्शन साल में 2 बार यानी हर 6 महीने पर लगाए जाएंगे.