
भिलाई। मनोज राजपूृत फिल्म प्रोडक्शन के बेनर तले कई सुपरहीट छत्तीसगढी फिल्म देने वाले छॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर उत्तम तिवारी के निर्देशन में बनी छत्तीसगढ की अब तक सबसे अधिक बजट में बनी छत्तीसगढी फिल्म “गांव के जीरो शहर मा हिरो” आगामी 9 फरवरी को छग के सिनेमा घरों में प्रर्दिशत होगी।
उक्त जानकारी मनोज ले आउट के संचालक एवं फिल्म के निर्माता एवं हीरो मनोज राजपूत ने एक पत्रवार्ता में दी। इस अवसर पर फिल्म के डायरेक्टर उत्तम तिवारी, फिल्म की हिरोईन नेहा शुक्ला, सहायक निर्देशक एवं अभिनेता अर्जुन परमार, प्रसिद्ध अभिनेता प्रदीप शर्मा, धर्मेन्द्र चौबे, पप्पू चन्दाकर, संजीव मुखर्जी, फिल्म के संगीतकार सूनील सोनी, फिल्म्स वितरक तरूण सोनी विक्रांत सोनी, व श्याम टॉकीज के संचालक लाभांश तिवारी, छतीसगढी एवं भोजपूरी फिल्मों के एक्टर शमशीर सिवानी, भीखम साहू, सहित छॉलीवुड के कई एक्टर व मनोज ले आउट के मैनेजर संतोष भार्गव, सुश्री मुक्ता बंसल, रोली चंन्द्राकर, एवं इस फिल्म के एक्जिूक्यिूटिव प्रोडयूसर विक्रम राजपूत एवं सभी स्टाफ विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम में गणेश वंदना करके इस फिल्म के पोस्टर व रिलीज तिथि की घोषणा की गई। उक्त अवसर पर फिल्म के निर्माता व हीरो मनेाज राजपूत ने बताया कि दस सालों से वह प्रापर्टी डिलिंग एवं बिल्डर्स व्यवसाय से जुडे रहे, लेकिन मन में कुछ नया करने की जिज्ञासा थी, हमने छॉलीवुड के रुपहले परदे पर मन की इच्छा को छत्तीसगढ़ी फिल्म के माध्यम से फिल्मांकन करना चाहा और पूरी शिद्दत से अपनी टीम के साथ कार्य प्रारम्भ किया जिसमे चार माह में ही प्रतिक्रिया मिलने लगी और जनता का प्यार मिला। हमने व हमारी टीम ने “गांव के जीरो शहर मा हिरो” फिल्म बनाई। इस फिल्म को बनाने को लेकर मैं काफी उत्साहित था, मेरी पूरी एम.आर. ले आउट की टीम व डायेक्टर सहित इस फिल्म की पूरी यूनिट का बेहतरीन सहयोग रहा। इस पूरे संघर्ष के क्षेत्र व मेहनत में हम नई पहचान की तरफ जा रहे है।

फिल्म के निर्माता व हीरो मनेाज राजपूत ने कहा कि छग में लोग छत्तीसगढ की मूवी बहुत कम देखते है और साउथ की मूवी देखना लोग ज्यादा पसंद करते हैं? साउथ की मूवी में एक्सन, गाने सहित सभी चीजे उच्च क्वालिटी की होती है। इन वस्तुस्थिति को समझते हुए हमने हमारी फिल्म में भी एक्सन, गाने व पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ ही एक सूपरहीट फिल्म के लिए जो भी चीजें आवश्यक होती है, वह सब कुछ इस फिल्म में मौजूद है, फिल्मांकित किया है।
“डर के पीछे जीत होती है, हर व्यक्ति को डर का मुकाबला करना चाहिए।”
छॉलीवुड एक्टर मनेाज राजपूत ने कहा कि “डर के पीछे जीत होती है, हर व्यक्ति को डर का मुकाबला करना चाहिए।” राजनैतिक हो चाहे व्यापार हो लोग दबाव डालते हैं, कई लोग तो दबाव में रास्ते बदल लेते हैं, लेकिन हमें छग में हर क्षेत्र में छग की पहचान बनाकर रखना हैं, चूकि छग के गांव के किसान का बेटा आईएएस व आईपीएस बनता है, मैं भी किसान का बेटा हूं और ग्रामीण परिवेश से आता हूं। मेरे पास कोई कला की जानकारी नही थी, अंदर का भाव था। अचानक मेरे दिमाग मे आया कि मैं जो जीवन में इतना संघर्ष करके आगे बढा हूं, इस पर फिल्म बन सकती है और लोगों के लिए मोटिवेशन का कार्य कर सकती है, उसके बाद मैं पहले अपने एमआर ले आउट के स्टाफ से चर्चा किया और उसके बाद यहां के प्रसिद्ध डायरेक्टर उत्तम तिवारी से मुलाकात कर अपने जीवन की संघर्ष की कहानी बताया तो वे भी कहने लगे ये तो बहुत अच्छी कहानी होगी और हम लोगों ने मिलकर इस फिल्म को बनाने की योजना बनाई और उसके बाद मैने कहा कि इसका बजट कितना भी जाये उसकी परवाह नही है फिल्म बहुत अच्छी बननी चाहिए। इसलिए छग में पहली बार सबसे उत्तम किस्म के कैमरे फैन्टम सेे इसका फिल्मांकन किया गया है।

इस फिल्म में बॉलीवुड एक्टर भगवान तिवारी ने भी जर्बदस्त अभिनय किया है। इस फिल्म की हिराईन इशिका, नेहा शुक्ला, इसानी घोष है और इसमें फिल्म के हिरो मनोज राजपूत के पिता की भूमिका छॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अर्जुन परमार ने किया है, वहीं धर्मेन्द्र यादव, प्रदीप शर्मा, पप्पू चन्द्राकर, संजीव मुखजी, विक्की वीरा सहित छॉलीवुड के अन्य प्रसिद्ध कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है और इस फिल्म का भी संगीत छॉलीवुड के इकलौते बेस्ट संगीतकार सुनील सोनी ने किया है, जबकि कथा, पटकथा, व कुछ गीत उत्तम तिवारी ने लिखा है। यह फिल्म मनोज राजपूत के जीवन पर बनी है जिसका 60 प्रतिशत कहानी मनोज की जीवन पर आधारित है। श्री राजपूत ने आगे कहा अब मैने छॉलीवुड में कदम रखा है मैं छॉलीवुड को नई उंचाईयों तक काम के जरिये लेकर जाना चाहता हूं।
एक प्रश्न के जबाब में कि आपका गॉड फादर कौन है का उत्तर देते हुए श्री राजपूत ने कहा कि मैं अपनी मां को ही हर चीजे बताता था, मैं अपनी मां को एक दोस्त की तरह हर बाते शेयर करता था, वही मेरा मार्गदर्शन करती थी जबकि मेरी मां कम पढी लिखी और मेरे पिता अधिक पढे लिखे थे। कभी कभी वह भी निराश होकर कहती थी कि बेटा काम बदल दे और हमेशा कहती थी कि बेटा एक दिन तेरा समय आयेगा। कम्पटीशन में बडा हौसला होता है, जीवन में हमेशा फास्ट रहना चाहिए। छग की पहचान को भारत के नक्शे पर ले जाना चाहता हूं। मेरी इस फिल्म की शूटिंग दुर्ग, भिलाई व छत्तीसगढ के अलावा गोवा, कलकत्ता, व हैदराबाद के रामोजी स्टूडियों में हुई है। एक जूनून था, कि दूर्ग भिलाई ने हमें जो पहचान दी है, उसे हमे लौटाना हैं, और इस पहचान को शहरवासियों को देना चाहता हूं। छॉलीवुड को साउथ व बॉलीवुड व पॉलीवुड की तरह ले जाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्म को लेकर आज भी अन्य प्रदेशों में निगेटिविटी है कहते हैं कि वहां फिल्म की लागत भी नही निकलती है। हैदराबाद के लोग कहते हैं कि छग में कोई स्कोप नही हैं। लेकिन उस काम को हमारी टीम व हमारी एमआर ले आउट व डायरेक्टर्स की पूरी टीम ने उसे पूरा करके दिखाया। आने वाले समय में मेरी ये फिल्म मराठी, भोजपूरी एवं छत्तीसगढी सहित चार पांच भाषाओं में डब होकर कई प्रदेशों में भी इसे प्रदर्शित करने की तैयारी में है। हमारे इस पूरे फिल्म की शूटिंग फैन्टम कैमरा से किया गया जो यहां मिलती ही नही है, उसे मुम्बई से लाया गया था और उस कैमरा से छत्तीसगढ के सबसे बडे कैमरामैन तोरण सिंह राजपूत ने फिल्मांकन किया है।

“छग की पहचान को काम से लोग जानेंगे नाम से नही।”
छत्तीसगढी फिल्म “गांव के जीरो शहर मा हिरो” फिल्म से उत्साहित फिल्म के एक्टर मनोज राजपूत ने कहा कि हम कह सकते है कि आने वाले समय में “छग की पहचान को काम से लोग जानेंगे नाम से नही।”
श्री राजपूत ने आगे कहा कि जिस काम में मुझे डर लगता है उसे चैलेज लेकर करता हूं, जब छोटे थे और पढते थे। तब गांव में चटाई लेकर व्हीसीआर में धर्मेन्द्र और अमिताभ की फिल्में देखा करते थे, तो उस समय ये सोचते थे कि ये एक्सन और ये फलां सीन कैसे होता है, और आज ये सब मैं स्वयं कर रहा हूं तो अच्छा लग रहा है। शहर के लईका एसी मे रहते है और काजू खाते हैं एनर्जी और दिमाग बढोने के लिए, और गांव के लडके गाजर व बासी खाकर एनर्जेटिक बनता हैं, और शहर के लडकों से अधिक दिमाग रखता है। उन्होंने आगे कहा कि भगवान के आशीर्वाद और जनता के प्यार से मैं बहुत मजबूत हूं।
छत्तीसगढ की पहचान भी अब छत्तीसगढी फिल्मों व हमारी टीम से हो ये मेरी कोशिश रहेगी
आज जिस तरह पदमश्री तीजन बाई के नाम से भिलाई व छग को जाना जाता है उसी प्रकार छत्तीसगढ की पहचान भी अब छत्तीसगढी फिल्मों व हमारी टीम से हो ये मेरी कोशिश रहेगी। फिल्म के शूटिंग और समय पर पूछे जाने पर एक्टर मनोज राजपूत ने कहा कि हमने शूटिंग के दौरान प्रतिदिन दस से बारह घंटा काम करते थे, फिर भी मैं नही थकता था, और मैं जीवन मे कोई टेंशन नही लेता हूं। मैं व हमारी टीम पूरे एन्जवाय के साथ काम किये और 70 दिन कैसे निकल गया ये पता नही चला। सभी ने बहुत बढिया काम किया है और मेरा मार्गदर्शन करने के साथ ही पूरा सहयोग दिया है।
मैं कभी भी प्राफिट और लॉस के बारे में नही सोचता हूं। छग को क्या दे सकता हूं, उस पर ध्यान देता हूं।
फिल्म के लागत के सवाल पर कहा कि मैं कमाने के लिए फिल्म नही बनाया हूं मैं कभी भी प्राफिट और लॉस के बारे में नही सोचता हूं। छग को क्या दे सकता हूं। उस पर ध्यान देता हूं। छग के लोगों से पिछले 20 सालों से जो प्यार मिला है उस प्यार को मैं 20 माह में ही लौटाना चाहता हूं।

जीवन की शुरूआत दुर्ग के इंदिरा मार्केट के सुनिल वाच कंपनी से शुरू किया

फिल्म के डायरेक्टर उत्तम तिवारी के जुबान से मनोज के एक्टर बनने की कहानी
फिल्म के डायरेक्टर उत्तम तिवारी ने इस पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि जब मेरी मनोज राजपूत से मुलाकात हुई और अपने जीवन की कहानी बताये तो मुझे अच्छा लगा और उसको सिनोमेटिक के हिसाब से उसको लिखने लगा और जब फिल्म के किरदार हीरो की बात आई तो मनोज ने कहा कि मैं एक्टिंग में जीरो हूं मुझे कुछ नही आता है, चाहे तो किसी और को हीरो ले सकते है तो मैने कहा पहले आपको दो तीन महिना ट्रेनिंग देता हूं, नही हो पायेगा तब किसी और को हीरो रखेंगे लेकिन जब इनको ट्रेनिंग दिया तो दो तीन दिन में ही सब कवर करने लगे तो मैने कहा कि आप सब कर लोंगे और आपसे अच्छा इस फिल्म में हीरो के लिए कोई नही है। इसके बाद मनोज ने बहुत मेहनत की और काम किया और फिल्म बहुत अच्छी बनी है।
डायरेक्टर उत्तम तिवारी ने बताया कि फिल्म के गाने बहुत ही कमाल के है, इस फिल्म का गाना छत्तीसगढिया सबले बढिया जरूर बूम करेगा। इस दौरान फिल्म के अभिनेता धर्मेन्द्र चौबे जी ने भी अपना अनुभव शेयर किया। जिसका संचालन संतोष भार्गव, सुश्री मुक्ता बंसल, रोली चंन्द्राकर ने किया। पत्रकार वार्ता में फिल्म “गांव के जीरो शहर मा हिरो” की हिरोइन नेहा शुक्ला ने कहा कि हमारी इस फिल्म में एक्सन है ड्रामा है, कमेडी है, और मैं इसमें हिरोईन है मेरा रोल तब शुरू होता है जब मनोज राजपूत जी शहर पहुंचते है और फिर वो अपना परचम लहराते है।



मनोज ले आउट के संचालक एवं छत्तीसगढ़ी फिल्म “गांव के जीरो शहर मा हिरो” के निर्माता एवं हीरो मनोज राजूपूत को बधाई एवं सफलता की शुभकामनाएं देते हुए शाश्वत कलम के संपादक राजेश प्रसाद।
पत्रकारवार्ता में दुर्ग भिलाई जिले के पत्रकार साथियों ने मनोज ले आउट के संचालक एवं फिल्म के निर्माता एवं हीरो मनोज राजूपूत को छत्तीसगढ की अस्मिता से जुड़कर छत्तीसगढ़ी फिल्मी दुनियां के छालीवुड में एक नया अध्याय जोड़ देश के नक्शे पर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करने बतौर फिल्म “गांव के जीरो शहर मा हिरो” फिल्माकित किए जाने पर उनकी मेहनत और लगन पर नाज करते हुए उन्हें क्षेत्र का गौरव बताया साथ ही पूरी टीम फिल्म के डायरेक्टर उत्तम तिवारी, फिल्म की हिरोईन नेहा शुक्ला, सहायक निर्देशक एवं अभिनेता अर्जुन परमार, प्रसिद्ध अभिनेता प्रदीप शर्मा, धर्मेन्द्र चौबे, पप्पू चन्दाकर, संजीव मुखर्जी, फिल्म के संगीतकार सूनील सोनी, फिल्म्स वितरक तरूण सोनी विक्रांत सोनी, व श्याम टॉकीज के संचालक लाभांश तिवारी, छतीसगढी एवं भोजपूरी फिल्मों के एक्टर शमशीर सिवानी, भीखम साहू, सहित छॉलीवुड के कई एक्टर व मनोज ले आउट के मैनेजर संतोष भार्गव, सुश्री मुक्ता बंसल, रोली चंन्द्राकर, एवं इस फिल्म के एक्जिूक्यिूटिव प्रोडयूसर विक्रम राजपूत एवं सभी स्टाफ को बधाई देते हुए सफलता की शुभकामनाएं दी।