
छत्तीसगढ़ महिला सरपंच को एसडीएम ने किया बर्खास्त, 6 साल तक नहीं लड़ सकेगी
बताया जाता है कि बरबाहली के करन सिंह पाथर, फूलसिंह पाथर, शोभाराम मांझी, हीरालाल मांझी, कंवल मांझी, देवकुमार प्रधान, सीताराम पाथर, जुगेश्वर यादव ने पंचायत में लगातार हो रहे आर्थिक अनियमितता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। युवकों ने 22 मार्च 2023 को एसडीएम से लिखित शिकायत कर बताया कि सरपंच सुमित्रा सिन्हा द्वारा परिवार के सदस्यों के नाम पर बिल वाउचर बनाकर पंचायत विकास मद की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार 14वे वित्त मद से सरपंच सुमित्रा सिन्हा ने अपने ससुर हिराधर सिन्हा को ट्री गार्ड और बांस कार्य के नाम पर 17 हजार का भुगतान किया गया। पति पुनित सिन्हा के फर्म पुनित कृषि फार्म और मटेरियल सप्लायर के नाम पर पैरा ढुलाई, मुरमीकरण और सफाई के नाम पर अलग-अलग 4 बार में 2 लाख 500, मामा ससुर भोजराज सिन्हा के नाम पर 19,000 का भुगतान किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने इस भुगतान में ज्यादातर कार्य को बोगस कार्य भी बताया था। इसके अलावा बेटे दुष्यंत सिन्हा को पंचायत द्वारा संचालित राशन दुकान का सेल्समैन नियुक्त कर मृत लोगों के नाम पर राशन निकालने की भी शिकायत की गई थी। इन सभी शिकायतों को आधार मानते हुए बरबाहली पंचायत की महिला सरपंच सुमित्रा सिन्हा को एसडीएम अर्पिता पाठक ने बर्खास्त कर दिया है।