
चौथे सावन सोमवार 31 जुलाई को शिवधाम कोरिया में उमड़ी भक्तों की भीड़ कांवड़ियों का हुआ अभूतपूर्व आगमन
जेवरा/ननकठ्ठी। सावन के चौथे सोमवार 31 जुलाई को शिवधाम कोड़िया के ‘ भुइं फोड़ शिव ज्योतिर्लिंग ‘ में जलाभिषेक करने केसरिया वस्त्र पहने कांवड़ियों के कई जत्थे बाजे गाजे के साथ हजारों की संख्या में पहुंचें। श्री साजा राउत मंदिर जेवरा सिरसा से पूजन पश्चात् 20 गावों – मालूद, बेलौदी, समोदा, चिखली, इंदिरा नगर, कुटेलाभांठा, खपरी, सिरसाखूर्ड, जेवरा, भटगांव , कचांदुर, ढौर, नवातरिया , बासिन, करंजा भिलाई, झेंझरी, बोडेगांव, अरसनारा, रवेलीडीह,नंदकठी के कांवड़ियों के विशाल जत्थे आकर्षक झाँकियों बैनर बाजा गाजा के साथ आये थे। इस यात्रा में शिवजी की विशाल प्रतिमा, नंदी, नव दुर्गा की भव्य मूर्तियों की मन मोहक झांकी थी जिसका रास्ते के कई गावों में मुखिया सहित ग्रामीणों ने स्वागत किया।
डॉ नीलकंठ देवांगन ने बताया कि सावन के महीने में कांवड़ियों का दल जलाभिषेक करने हर साल यहां आता है पर, इस दिन इतनी बड़ी संख्या में इतने जत्थों का आना अभूतपूर्व था , बेहद खास था। गांव वाले यह माहौल देखकर बड़े उत्साहित थे। उन्होंने बताया कि ‘ कांवर ‘ शिवजी का साक्षात् स्वरूप होता है । क = ब्रम्ह , व = वास करना ( जहां ब्रम्ह है वहां तीनों देवों – ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है ) , र = रमण करना। जो उनमें रमण करे, वह कांवरिया। जो भगवान शिव में पूरी तरह से लीन होकर उनका भजन स्मरण करते शिवजी को अभिषेक करे, वह कांवरिया। कंधे पर गंगा को धारण किये श्रद्धालु कांवड़िया इसी आस्था और विश्वास को जीता है। कांवड़ यात्रा शिवजी की आराधना का ही एक रूप है, साधना है। कांवड़ यात्रा का विशेष आकर्षण था मनीष डी जे मेड़ेसरा परसोदा, अघोरी बावा, साउंड सेट अप नारधा, बाबा रुक्खड़नाथ नारधा, महिला अखाड़ा रायपुर, शिव प्रतिमा चलित झांकी वैष्णव आर्ट्स दुर्ग, श्री साईं जोन डी जे सिरसा, जय मां शीतला समिति सिरसा, उज्जैन के राजा महाकाल की झांकी सम्मलित हुई |
गांव में उत्सव का माहौल एवं यादगार ऐतिहासिक दिन था। शिव मंदिर और मंदिर प्रांगण कांवड़ियों से भरा था, पर ग्रामीण परिवेश बोल बम के नारे से गुंजायमान था , इस दिव्य, ऐतिहासिक, अद्भुत नजारे को देखने गांव के पूरे ग्रामीण उमड़ पडे थे।कलाकृति से सज्जित कांवड़ और कांवड़ियों के पोशाक मन को भा रहे थे। सावन के दूसरे सोमवार को भी कांवड़ियों का विशाल जत्था केसरिया वस्त्र पहने डीजे गीत संगीत के धुन के साथ जलाभिषेक करने भुइं फोड़ शिव मंदिर पहुंचे थे, श्रद्धालुओं की भी भारी भीड़ रही। शिवलिंग दर्शन पुजन अभिषेक करने का क्रम सबेरे से देर शाम तक चलता रहा पंडित चंपेशकृष्ण योगेश महाराज ननकटठी द्वारा पूजा अर्चना एवं भक्तों के द्वारा येभगवान शिवजी की की आरती की गई। व्रती महिलाओं, पुरुषों, कन्याओं ने पूजन सामग्री सहित सोमवारी पूजा की ,भोग भेंट चढ़ाया गया। भीड़ इतनी थी कि श्रद्धालुओं को अपनी बारी के इंतजार में खड़े रहना भी पड़ा। मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रदीप साहू, उपाध्यक्ष बेनी निर्मल, काशीनाथ साहू, दिलीप निर्मल, चंद्रिका साहू व पदाधिकारी व्यवस्था पर नजर बनाये थे। प्रसादी बांटी गई , कन्याओं, माताओं, भाइयों ने चार अलग अलग समूहों में प्रसादी की व्यवस्था की थी। शाम को सत्संग, मानस गान हुआ।