
भिलाई-3 / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नगरीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय को दोगुना किए जाने की घोषणा से भिलाई – चरोदा नगर निगम में उल्लास बिखर पड़ा। पार्षदों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया।
महापौर निर्मल कोसरे सहित पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने मानदेय में दोगुना बढ़ोतरी और शासन से विकास कार्यों के लिए मिलने वाली निधि में किए गए देढ़ गुना वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है।
भिलाई – चरोदा नगर निगम में आज निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के चेहरे पर खुशियां छलक रही थी। महापौर निर्मल कोसरे और सभापति कृष्णा चंद्राकर सहित सत्ता पक्ष कांग्रेस व विपक्षी भाजपा के पार्षदों में बिखरी यह खुशी उनके मानदेय में किए गए दोगुना बढ़ोतरी को लेकर थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ही इस आशय की घोषणा की है। न केवल मानदेय दोगुना किया गया है बल्कि मुख्यमंत्री ने महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों को मिलने वाली सालाना निधि को भी देढ़ गुना बढ़ाने की घोषणा की है।
– चरोदा नगर निगम के पार्षद कार्यालय पहुंचने लगे। फिर महापौर निर्मल कोसरे के साथ मिलकर सभी पार्षदों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का बखूबी इजहार किया। वर्तमान में महापौर को प्रतिमाह 13 हजार रुपए मानदेय एवं 4 हजार रुपए सत्कार भत्ता शासन ने मिलता है।
अध्यक्ष को 11 हजार रुपए मानदेय और 2 हजार रुपए सत्कार भत्ता दिया जाता है। वहीं पार्षदों को प्रतिमाह 7 हजार 500 रुपए मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। अब इन सभी को दोगुना मानदेय मिलने लगेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति उनके निर्णय को लेकर महापौर सहित सभी पार्षदों ने आभार व्यक्त किया गया।
मुख्यमंत्री का एतिहासिक निर्णय – निर्मल कोसरे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय दोगुना और उनको विकास के लिए मिलने वाली निधि में देढ़ गुना किए जाने के निर्णय को महापौर निर्मल कोसरे ने ऐतिहासिक करार दिया है। इसके लिए श्री कोसरे ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों के अलावा कईं बार जरुरतमंदों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की विकट स्थिति का सामना करना पड़ता है। मानदेय दोगुना होने के बाद पार्षदों को जनसेवा करने में सहूलियत होगी। इसका लाभ जरुरतमंदों को मिलेगा।
इसी तरह महापौर, अध्यक्ष और पार्षद निधि को देढ़ गुना बढ़ाए जाने से भी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विकास की जनभावना को साकार करने में आसानी होगी।