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69000 सहायक शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा इस प्रश्न का विवाद…

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के एक गलत प्रश्न का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। छह जनवरी 2019 को आयोजित परीक्षा में एक प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसको लेकर एक नंबर से फेल होने वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दीं। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को ऐसे अभ्यर्थियों को पास करने और सभी अर्हताएं पूरी करने पर नियुक्ति देने के आदेश दिए थे, जो मात्र एक नंबर से फेल थे।

इस आदेश का अनुपालन न होने पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिकाएं कर दी। तीन दिन पहले हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को नोटिस जारी करते हुए ।

उन्हें 25 मई को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए तलब कर लिया। वहीं दूसरी ओर शासन के अनु सचिव धर्मेन्द्र मिश्र ने इस मामले में दो मार्च को सचिव परीक्षा नियामक को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है।

प्रयागराज । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) व कम्प्यूटर असिस्टेंट 2021 भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के परिणाम पर अभ्यर्थियों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अभ्यर्थियों का दावा है ।

कि दो मार्च को घोषित परिणाम में कई सफल अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की हाईस्कूल स्तर की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में फेल हो गए थे लेकिन सहायक समीक्षा अधिकारी के 350 पदों की परीक्षा में इनका नाम टॉपर में शामिल है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में कई अनियमितताएं केंद्रों पर पाई गईं। वाराणसी के एक केंद्र पर एक अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरा परीक्षा देते मिला। वीडियो वायरल हुआ तो केंद्र की परीक्षा निरस्त की गई।आगरा और मथुरा में  भी कई सॉल्वर पकड़े गए थे।

इस प्रश्न पर विवाद

69000 शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र में बुकलेट संख्या ‘ए’ के प्रश्न 60 में पूछा गया था-शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है। जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। यह परिभाषा दी गई है। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। चयन बोर्ड के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राह्य को सही माना।

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