दुर्ग

संगठन, कुशलता और अवसर ने महिलाओं को बनाया स्वावलंबी

कंपोस्ट खाद, साबुन, फिनाइल निर्माण के साथ ही साग-भाजी का उत्पादन कर रही हैं महिलाएं

सांकरा में बना आदर्श गौठान से महिलाओं को मिला आर्थिक उन्नति अर्जित करने का सहारा

आदर्श गौठान और आजीविका केन्द्र स्थापित होने से महिलाओं को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर मिला है। कुछ वर्ष पहले ग्राम पंचायत की महिलाओं के जीविकोपार्जन एवं आय के स्त्रोत न के बराबर थे। आदर्श गौठान बनने से महिला समूहों ने वर्मी कंपोस्ट एवं सूपर कंपोस्ट का उत्पादन प्रारंभ किया गया। यहां अब तक 01 लाख 70 हजार किलोग्राम गोबर का क्रय किया जाकर पशु पालको को 2 लाख 14 हजार 400 रूपए राशि प्रदाय किया जा चुका है।

महिलाओं द्वारा निष्ठा और लगन से कार्य करते हुए गोबर से कंपोस्ट खाद का निर्माण कर शुद्ध रूप से 42 हजार रूपए का लाभ अर्जित किया गया है।
समूह की महिलाओं ने बेहतर सोच का परिचय देते हुए नर्सरी एवं बाड़ी का कार्य किया जा रहा है। नर्सरी में महिलाओं द्वारा मुनगा, पपीता, अमरूद, कटहल आदि के पौधे तैयार कर अन्य ग्राम पंचायतों में वितरित किया जाता है।

नर्सरी के साथ ही यहां गोभी, भाठा, बरबट्टी, कुम्हड़ा, लौकी कई प्रकार की भांजी, भिंडी, करेला, गलका आदि का उत्पादन का स्थानीय बाजार में बिक्री किया जा रहा है। जिससे उन्हें अतिरिक्त आय होने लगी है। शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ महिलाओं ने बेहतर ढंग से उठाया है। महिलाओं को कृषि विभाग से मिनि राईस मिल प्रदाय किया गया है। ग्राम पंचायत में स्थापित अजीविका केन्द्र में समूह एवं संगठन की महिलाओं के द्वारा साबुन, फिनाईल के साथ-साथ सिलाई-कढ़ाई किया जाता है।

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