कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा में रिश्ते को तार-तार करने वाला मामला सामने आया है. 13 साल की नाबालिग भतीजी से अनाचार करने का आरोप बड़े पिता पर लगा है. वारदात की रिपोर्ट लिखवाने के लिए मां-बेटी काफी परेशान हुए. आरोप लगे हैं कि पुलिस उनकी रिपोर्ट लिखने के बाद थाने के चक्कर कटवाती रही. मीडिया का दबाव और उच्च अधिकारियों के दखल के बाद मामले में रिपोर्ट लिखी गई और आरोपी बड़े पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले में पुलिस की जांच जारी है. आरोपी पर पहले बेटी की मां के साथ भी रेप के आरोप लगे हैं.
कोरबा के सीएसईबी पुलिस चौकी क्षेत्र निवासी विद्युत संयंत्र के एक कर्मी पर अपने ही छोटे भाई की बेटी से रेप का आरोप लगा है. बालिका स्कूल की छात्रा है, उसके पिता की मौत हो चुकी है और बेवा मां के साथ काेरबा के ही घर में रहती थी. शिकायत के मुताबिक बड़े पिता की बुरी नीयत अपनी बेवा बहू पर पहले से ही थी. उसने अपने बहू को जब उसने हवस का शिकार बनाया तो परिवार की बदनामी के डर से बात को दबा बैठी, लेकिन मन में कसक लिए कोरबा छोड़कर कमाने-खाने बनारस चली गई. कोरबा छोड़ते वक्त आरोपी ने बेटी का पालन-पोषण करने की बात कही और उसे अपने पास ही रख लिया.
रिपोर्ट दर्ज करवाने भटकते रहे
शिकायत के मुताबिक बीते 5 जनवरी को बड़े पिता की नजर खराब हुई और उसने अपनी 13 साल की भतीजी के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया. पीड़िता ने किसी तरह दूसरे दिन अपनी मां को घटना के बारे में फोन से बताया. उसकी मां बनारस से तत्काल साधन कर 7 जनवरी को शाम 6 बजे कोरबा पहुंची. उसने अपने करीबी रिश्तेदारों को भी बताया और शाम 7 बजे बेटी को लेकर रिपोर्ट लिखाने सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र पहुंची. साथ में दूसरे रिश्तेदार भी थे. यहां इस गंभीर और संवेदनशील मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर अपराधी की धरपकड़ करने की बजाय पीड़िता और बच्ची को एक कमरे में बिठा कर कर्मी अंदर-बाहर होते रहे. इधर बाहर मौजूद रिश्तेदारों के इधर-उधर भटकने पर कुछ मीडिया कर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने जानकारी हासिल और दबाव बनाया.
कुछ जनप्रतिनिधि भी पहुंच गए थे. जैसे ही बात पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने तत्काल निरीक्षक पदोन्नत एसआई भावना खंडारे को निर्देश दिए. भावना खंडारे पुलिस सहायता केंद्र पहुंचीं और बयान लिया। बच्ची को साथ लेकर मुलाहिजा के लिए जिला चिकित्सालय रवाना हुई. वहां अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिली और अपने घर पर बुलाया। पीड़िता को वापस पुलिस सहायता केंद्र लाया गया और कुछ देर चर्चा के बाद उसे मुलाहिजा के लिए महिला चिकित्सक के बुलाए अनुसार उनके पास ले जाया गया. पीड़िता की मां के मुताबिक यह सारा घटनाक्रम रात 2 बजे तक चलता रहा.
पीड़िता ने सौंपे कपड़े
पुलिस द्वारा कुछ नहीं पता चल रहा है, कह कर बात को टाला जाता रहा, लेकिन अंत में पीड़िता ने ही बताया कि उसके कपड़े उसने छुपा कर रखे हैं. तब रक्त सने कपड़े को बरामद कर जब्त किया गया. इस मामले में रात से ही मीडिया कर्मियों द्वारा लगातार चौकी प्रभारी एसआई नवल साव से संपर्क कर नजर बनाए रखी गई. जैसे ही पुलिस कप्तान हरकत में आए और मीडिया का दबाव बढ़ा तो आरोपी को पकड़ने के लिए कोशिश शुरू हुई. आखिरकार उसे सुबह पकड़ लिया गया.