छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ, कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत

छत्तीसगढ़ – 15 नगरीय निकायों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली है। 14 निकायों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। वहीं, एक पर सिर्फ भाजपा जीती है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में एक कांग्रेस ने एक बार फिर से दमदार प्रदर्शन किया है। तीन साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की लहर में बीजेपी साफ हो गई है। 90 में से 70 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

निकाय चुनावों में बीजेपी एक बार फिर से कांग्रेस की आंधी में उड़ गई है। तीन साल बाद पार्टी को कतई उम्मीद नहीं थी कि ऐसी हार होगी। इस हार से बीजेपी खेमे के अंदर खलबली मच हुई है। निकायों चुनावों में प्रचंड जीत से कांग्रेस के अंदर भूपेश बघेल को नई शक्ति मिली है। अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस में भूपेश और मजबूत हुए हैं। शहर की सरकार में उन्होंने अपने नेतृत्व का दबादबा एक बार फिर से दिखा दिया है।

बता दें कि नगर पंचायत की सभी 6 सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी का सफाया कर दिया। भोपालपट्टनम में तो एकतरफा रहा और कांग्रेस ने सभी 15 सीटें जीत ली। कोंटा में भी 15 में से 14 सीट जीतकर कांग्रेस ने बीजेपी को 1 सीट पर ला दिया। नरहरपुर, भैरमगढ़, मारो और प्रेमनगर में भी कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत लेकर नगर पंचायत चुनाव में अपना दबदबा कायम रखा। अगले विधानसभा चुनाव से दो साल पहले ये बड़ी जीत दिखाती है कि पार्टी का दबदबा बरकरार है। अब सवाल ये है कि क्या 2023 के विधानसभा चुनाव में इसका असर बरकरार रहेगा।

कहा जा रहा है कि जमीनी स्तर पर पहले की तुलना में बीजेपी संगठन कमजोर हुई है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में दो उपचुनाव हुए, उनमें भी बीजेपी को हार मिली। साथ ही पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी भी झलककर सामने आते रहती है। इसके साथ ही बीजेपी हर चुनावों से पहले मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करती है। उसका भी छत्तीसगढ़ में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले तक प्रदेश में बीजेपी धर्मांतरण के मुद्दे को हवा दे रही थी। उसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा है। ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की पकड़ ढीली हुई है।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहे हैं। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में गोधन न्याय योजना कारगर साबित हुई है। साथ ही स्थानीय उत्पादों को बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। निकाय चुनावों के जो नतीजे आए हैं, उनमें सिर्फ चार नगर निगम ही शहरी क्षेत्र हैं बाकी के कस्बाई इलाके हैं

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