
– फिजिकल एवं वर्चुवल माध्यम से होगी प्रकरणों की सुनवाई
दुर्ग/ छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के कार्यपालक अध्य़क्ष माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादूडी के निर्देश पर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में नेशनल लोक अदालत का आयोजन 11 दिसम्बर 2021 दिन शनिवार को किया जा रहा है।
राजेश कुमार श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत क शुभारंभ प्रातः 11.00 बजे सभागार जिला न्यायालय दुर्ग में कोविड-19 संक्रमण के बचाव को ध्यान में रखते हुए किया जावेगा। दुर्ग में आयोजित किये जाने वाले नेशनल लोक अदालत हेतु कुल- 32 खंडपीठ का गठन किया गया है।
जिला न्यायालय दुर्ग हेतु-23 खंडपीठ , परिवार न्यायालय हेतु- 03 खंडपीठ, किशोर न्याय बोर्ड, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा एवम् श्रम न्यायालय हेतु 01-01 खंडपीठ का गठन किया गया है। व्यवहार न्यायालय पाटन-01 एवम् भिलाई-3 हेतु 02 खंडपीठ का गठन किया गया है। इस नेशनल लोक अदालत में राजस्व न्यायालय से संबंधित प्रकरणों का भी निराकरण किया जाना है जिस हेतु राजस्व न्यायालय हेतु 11 खण्डपीठ का गठन किया गया है ।
वर्ष 2021 के अंतिम नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित सिविल वाद, मोटर दुर्धटना दावा प्रकरण, चैक बाउॅस से संबंधित मामले , पारिवारिक मामले ,श्रम मामले, विद्युत मामले एवं राजीनामा योग्य अपराधिक मामलों का राजीनामा के आधार पर निराकरण एवं विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग , वित्तीय संस्थानों के द्वारा प्रस्तुत किये गये प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया जावेगा ।
जिसमें विद्युत विभाग के 200 प्रकरण , दूरसंचार विभाग के कुल 300 प्रकरण, वित्तीय संस्थानों के कुल 4300 प्रकरण रखे जाने हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव राहूल शर्मा नें बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरण के निराकरण की संभावनाएॅ है ।
राजेश कुमार श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन में विशेष रूप से न्यायालय के प्रकरण के पक्षकारों को लोक अदालत के महत्व को बताये जाने तथा लोक अदालत के लिए पक्षकारों को जागरूक किये जाने हेतु 04 पैरालीगल वॉलिन्टियर की सेवाएॅ ली गई है जो पक्षकारो को राजीनामा के लिए समझाईश दे कर प्रोत्साहित कर रहे है।
धारा- 138 चेकबाउंस के मामलों के लिए बैंक के प्रबंधकों की बैठक आहूत कर उन्हें अधिक से अधिक प्रकरण राजीनामा किये जाने हेतु प्रेरित किया गया है। इसके साथ-साथ मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के संबंध में बीमा कंपनियों के प्रबंधकों एवं अधिवक्ताओं को पीडित पक्षकार के प्रकरण जो राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जा सकते है उन्हेें नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित कर रखे जाने हेतु समझाईश दिया गया है।
इस नेशनल लोक अदालत के संबंध में प्राधिकरण द्वारा अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से यह भी अपील की गई है कि नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण सुनवाई फिजिकल एवं वर्चुवल दोनों माध्यम से होगी । यदि किसी पक्षकार को विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम उपस्थित होने में असुविधा हो रही हो तो वह संबंधित न्यायालय में अपनी भौतिक उपस्थिति दे सकता है । किसी पक्षकार के द्वारा राजीनामा आवेदन पूर्व में नहीं दिया गया हो वह भी लोक अदालत के दिवस में उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर सकता है ।
नेशनल लोक अदालत में कुल 7045 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया है । नेशनल लोक अदालत में कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए शासन के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन किया जाएगा ।