छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर बेख़ौफ़ जारी फर्जीवाड़ा

बिलासपुर । बिलासपुर ज़रूरतमंदों के लिए चलाई जा रही सरकारी आवास योजनाओं में घर दिलाने के नाम पर हुई धोखाधड़ी के कई मामले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जि़ले में लगातार सामने आ रहे हैं,हालाँकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए चढ़ावा चढ़ाने की रस्म पुरानी है।कुछ कमीशन लेकर घर दिलवा देने की शिकायतें तो अक्सर मिलती रहती हैं लेकिन हाल फि़लहाल में उजागर हो रहे मामलों में आरोपियों ने इससे एक कदम आगे की धोखाधड़ी की है। नगर निगम की फज़ऱ्ी रसीदें बाक़ायदा सील लगाकर जारी की गईं. लोगों ने लाखों रूपए भी दिए और किसीको घर भी नहीं मिला, दस लाख उनतालीस हज़ार रुपयों की ठगी का शिकार हुई एक महिला का कहना है कि सरकंडा पुलिस उसे 11 महीनों से घुमा रही है लेकिन स्नढ्ढक्र नहीं लिख रही है।

धोखाधड़ी का शिकार हुई ये महिला हैं खमतराई क्षेत्र की रहने वाली विजयलता सोनी,तकरीबन दो साल पहले सौरभ दुबे नाम के एक व्यक्ति ने इनसे संपर्क किया और बिलासपुर के कांग्रेस भवन के सामने इनसे मुलाक़ात की,सौरभ दुबे नाम के इस व्यक्ति ने महिला को कहा कि कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं के साथ मेरा उठाना बैठना और अच्छी सेटिंग है मैं तुम्हें प्रधानमन्त्री आवास योजना वाला घर दिलवा दूंगा विजयलता उसके झांसे में आ गईं और उनको देख उनके सगे सम्बन्धी भी फंस गए, विजयलता बताती हैं कि कुल मिलाकर दस लाख उन्तालीस हज़ार रूपए ये ठग अब तक डकार चुका है।

सौरभ दुबे का सोशल मीडिया अकाउंट देखने पर मालूम चलाता है कि इसने कांग्रेस में मंत्री कवासी लखमा और प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू जैसे बड़े नेताओं के साथ की तस्वीरें अपलोड कर रखी हैं. ऐसे ही बड़े नेताओं के साथ सम्बंध होने की बात कहकर ये लोगों से पैसे ऐंठता है. फ़ेसबुक में ये अपने आप को कांग्रेस सेवादल का जनरल सेक्रेटरी बताता है।
कुछ समय पहले शहर के एक व्यापारी ने सिविल लाईने थाने में इसके खिलाफ़ रुपयों के लेनदेन सम्बन्धी धोखाधड़ी की शिकायत की थी पर वहां दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाकर मामला रफ़ादफ़ा कर दिया गया।आरोपी को बचाने का ये भी अच्छा तरीका,समझौता करवा दो।
किसी भी सामान्य मिडिल क्लास परिवार के लिए दस लाख रुपयों की ठगी उसका जीवन अस्त व्यस्त कर देने वाली घटना होती है। न्याय की उम्मीद लिए विजयलता सोनी पिछले एक साल से सरकंडा थाने के चक्कर काट रही हैं. कोई कार्रवाई करना तो दूर, एक साल में सरकंडा पुलिस ने उनकी स्नढ्ढक्र तक नहीं लिखी है।

बेशर्मी की हद तो तब हो गई जब सरकंडा पुलिस ने पीडि़त महिला से ही रिश्वत मांग ली। विडियो में विजयलता ने रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मी का नाम भी बताया है। रिश्वत मांगते पुलिसकर्मी और उन्हें प्रश्रय देते थानाप्रभारी प्रार्थियों, पीडि़तों और आम जनता के मन में पुलिस के प्रति अविश्वास पैदा कर रहे हैं।इस मामले से सरकंडा पुलिस की नियत पर शक पैदा हो जाना लाज़मी है।खैर अब देखने वाली बात ये है कि नए बिलासपुर एसपी के आने के बाद क्या पीडि़त महिला को न्याय मिल पायेगा। क्या ठगी करने वालो पर अपराध दर्ज हो पायेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

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