छत्तीसगढ़

बैंक प्रबंधन कर रहा एटीएम की सुरक्षा में अनदेखी

Publish Date: | Sun, 05 Dec 2021 11:50 PM (IST)

बालोद । जिले में पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में साइबर क्राइम को रोकने विगत कुछ समय से साइबर सुरक्षा कवच अभियान चला रही है। वहीं, जिला मुख्यालय तथा ग्रामीण अंचल में शासकीय तथा अर्धशासकीय बैंक प्रबंधन द्वारा संचालित एटीएम की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जाने से एटीएम मशीन के समीप ही लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं। पर्याप्त सुरक्षा के अभाव में एटीएम मशीन से रुपये निकालने तोड़फोड़ की घटना भी सामान्य बात हो रही है। गत दिनों पहले ग्राम दुधली में सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित एटीएम मशीन में तोड़ फोड़ कर रुपये निकालने, जिला मुख्यालय में ही संचालित एटीएम मशीन में तोड़फोड़ कर रुपये निकालने के प्रयास किए जा चुके है। सुरक्षा व्यवस्था में कमी के चलते एटीएम मशीनों में हो रही घटनाओं के बाद भी बैंक प्रबंधन द्वारा एटीएम मशीनों की सुरक्षा के समुचित उपाय नहीं किए जा रहे हैं। नहीं है सुरक्षा गार्ड जिले में संचालित अधिकांश एटीएम मशीनों में सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति ही नहीं की गई है तो कहीं सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे ही खराब पड़े हुए हैं। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधन से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में जिले में विभिन्न स्थानों पर लगभग 61 एटीएम मशीनों का संचालन बैंकों द्वारा किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में ही शासकीय तथा अर्धशासकीय 22 बैंकों के 27 एटीएम मशीन संचालित हैं। ग्राहकों की सुविधा के लिए स्थापित किए गए एटीएम मशीनों की सुचारू संचालन के प्रति बैंक प्रबंधन द्वारा समुचित ध्यान नहीं देने से अनेक एटीएम मशीन कभी भी काम करना बंद कर देते हैं। कार्ड डालने के बाद कई बार मशीनों से पैसों का आहरण ही नहीं हो पाता तो कहीं मशीनों में से रुपये ही नहीं निकलते। जिले में सर्वाधिक 20 एटीएम एसबीआइ द्वारा स्थापित किए गए हैं, जिनमें जिला मुख्यालय में संचालित दो स्थानों पर सीडीएम में रुपये निकालने के साथ ही रुपये जमा करने की भी सुविधा है। मशीनों के सुचारू संचालन के लिए सिर्फ मुख्य शाखा से लगे मशीन पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन एसबीआइ के पूर्व संचालित एडीबी शाखा परिसर में लगे सीडीएम मशीन तथा पासबुक प्रिंटर मशीन में ध्यान नहीं देने से बंद पड़ा हुआ है।कभी भी हो जाते है बंदचौक चौराहों में स्थापित एटीएम जो कभी भी बंद हो जाते हैं। लोगो से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक एटीएम मशीन कक्ष की सुरक्षा तथा ग्राहकों के सहयोग के लिए सशस्त्र रक्षक गार्ड, चौबिसों घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी, पर्ची निस्पादन के लिए डस्टबीन तथा मशीन कक्ष के नोटिस बोर्ड बोड में कस्टमर केयर नंबर होना चाहिए। मुख्यालय के किसी भी एटीएम मशीन कक्ष में ग्राहकों की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए सुरक्षागार्ड की व्यवस्था कहीं भी नहीं है। सीसीटीवी कैमरा तो लगे हैं पर चौबीसों घंटे चालू है या बंद इसकी कोई गारंटी नहीं है। अधिकांश स्थानों पर एटीएम कक्ष बदहाल हैं। एटीएम मशीन के संचालन में परेशानियां आने पर ग्राहकों की सुविधा के लिए कस्टमर केयर नंबर का भी अधिकांश स्थानों पर कोई उल्लेख ही नहीं है। किसी भी एटीएम कक्ष में अंदर जाने से पूर्व किसी भी प्रकार से कोई बाध्यता नहीं होने से कोई भी चाहे जानवर ही क्यों न हो कभी भी किसी भी समय मशीन कक्ष में प्रवेश कर सकता है। बैंक प्रबंधन की इन्हीं खामियों का नतीजा मशीन की कार्यप्रणाली से अनजान नए लोगों को उठाना पड़ रहा है, जो साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं। चोर उठाइगिर भी अब मशीनों पर ही हाथ साफ करने के प्रयास करने लगे हैं। अनेक घटनाओं के बाद भी बैंक प्रबंधन एटीएम की सुरक्षा में अनदेखी कर रहे हैं जो कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकता है।

Posted By: Nai Dunia News Network

 

Related Articles

Back to top button